हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....
जगमगा रहा है रौशनी से सारा आसमा
खुशियों का जैसे चल पड़ा नया कारवा
हर उदासी के अँधेरे को दूर करती
आई एक मुस्कान निराली है...
हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....
रंगों से है सारे द्वार सजे
दिप मालाए हर आँगन में जलाई है...
बिछड़ो को दूर दूर से साथ ये ले आई है
तुम भी भर देना खुशियों से गर कोई
दामन दिखता तुमको खाली है...
हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....
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