About Me

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Dombivli, Maharashtra, India
I am a funloving person who loves to be with smiling faces around.....I like simple and straight-forward people around me. I love adventure sports and have a keen interest in Performing arts especially folk dance. I am working with the IT INDUSTRY in the city full of life,MUMBAI..(Proud to be a Mumbaikar). Music is my passion and writing poems is my hobby. I am a happy with life and with what God has blessed me with. I believe in one thing "Life is precious"...bad times will come to test you and double your happiness so accept them with a good spirit....in short "Live life lively...Live life King size"

Monday, August 13, 2012

आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???



और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है...
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...??? 
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???

जिन्होंने देश की खातिर खून बहाया 
ऐसे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को  बिना वक्त बिताये तुमने सूली पर चढ़ाया...
क्यूँ आज उनके बलिदान का इस तरह हो रहा अपमान है...
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...??? 
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???

खून खौलने लगता जब याद वो लम्हा आता है...
लाशों के  ढेर का वो नजारा आज भी भुलाया नहीं जाता है...
जाबांज लड़े थे डटकर.. इस बेगैरत हो पकड़ने में गवाई कईयों ने अपनी जान है....
कुछ तो लिहाज कर लो उनके जाने का...कभी तो सोचकर देखो क्यूँ जा रहा व्यर्थ उनका बलिदान है....????
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...??? 
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???

दूर बैठे है वोह जल्लाद रचा रहे वहां बैठे ये सारा खेल है...
मोहरे कुछ हमारे बीच में ही उनके बढ़ा रहे हमसे रोज मेल है...
इतने मासूम नहीं है हम के उनको न पहचान पाए...
ये देश हमारा अपना है ठान ले तो इसे मिलकर हम बचाए...
क्यों इस कदर खुदगर्जी है छाई हमपर...क्यूँ कर शख्स सब जानकार बन रहा अनजान है....
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...??? 
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
अतिथि देवो भवः सिर्फ अतुलनीय भारत का हिस्सा है...
उसे इस हैवान पर कब तर आझमाओगे ....???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???

- दिव्या !!!

Sunday, July 22, 2012



उम्रे बीत गयी उनकी नन्हे से घरोंदे को एक आशियाना बनाने में...
पर इस दौर में भी कभी उन्होंने तेरी किसी ख्वाहिश को अनदेखा न किया...
तुझपर ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी थी  मेरे दोस्त के ढलती उम्र के तकाजे पर...
तुने उसी आशियाने में उन्ही को तेरे संग रहने का एक मौका भी ना दिया...????
- दिव्या..!!!



ज़िन्दगी  की एक शाम भले ही गम नशीन थी...
उसी की इक सुबह गजब की हसीन है....
ज़िन्दगी के हर स्वाद को चख के देख मेरे दोस्त 
कभी ये बड़ी मीठी तो कभी बोहोत ही  नमकीन है..
दिव्या..!!!

Saturday, June 16, 2012

                                                                               
                                                                         
तन्हाई में वोह अपने वजूद पर सवाल उठा रही थी
क्या खोया क्या पाया इसका  हिसाब लगा रही थी...
तीली तो कबकी लगा दी थी उसने उन धुंधली यादों को
अब तो बस ज़माने की नजरो में कुछ बिखरे हुए ख्वाब जला रही थी....
- दिव्या...!!!!

Saturday, March 19, 2011


श्याम रंग था सजीला ...राधा रानी मुख मला
लाल गुलाल मलो रे ...संग लाल हरा पिला 
इतराई राधा रानी ..पूछे काहे करो छेड़खानी ???
मुस्काये मन मोहन फिर बोले आई मस्तानी 
रंग छेड़े  है घटा ने देखो आई होली मस्तानी  

"होली के इस पावन पर्व पर आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाए " 
......दिव्या !!! 

Thursday, November 4, 2010

आई फिर दिवाली है...!!!!

हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....

जगमगा रहा है रौशनी से सारा आसमा 
खुशियों का जैसे चल पड़ा नया कारवा 
हर उदासी के अँधेरे को दूर करती 
आई एक मुस्कान निराली है...
हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....

रंगों से है सारे द्वार सजे 
दिप मालाए हर आँगन में जलाई है...
बिछड़ो को दूर दूर से साथ ये ले आई है 
तुम भी भर देना खुशियों से गर कोई 
दामन दिखता तुमको खाली है...
हर ओर छाई खुशहाली है...
आई फिर दिवाली है....

Wednesday, September 8, 2010

कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे.....!!!!








नन्ही शरारतो को हसकर जो सह जाते थे 
  कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे..


माँ कहती है जब छोटी थी मै तब गोद मै लेने से भी डरते थे 
बेटिया बोझ होती होंगी औरो के लिए पर वो तो मुझ पर नाज़ करते थे 
मायूस होकर कभी रुकी जिंदगी तो बुलंद हौसला जो हर पल करवाते थे 
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...

बड़ी हुए मै जैसे जैसे हर पल वो मेरे साथ थे..
समझाते थे गलती पर हर कभी न उठाते हाथ थे..
माँ ने जब जब डांटा फटकारा तो छुपा लिया कहकर मेरा बेटा सबसे प्यारा है..
दुनिया मै शायद ही कोई और रिश्ता इससे न्यारा है...
हर जंग को हंसकर लड़ना जो सिखलाते थे
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...

वक्त गुजरता चला जा रहा था उम्मीदों की ख्वाहिश में 
जिंदगी बीत रही थी नए रिश्तो की आजमाइश में 
तभी एक तूफ़ान आया और तिनका तिनका बिखर  गया...
तपती जिंदगी में मानो कोयला हिरा बनकर निखर गया...
जिन्होंने ऊँगली थामी थी उनको मैंने हाथो में थमा था..
बड़ी हो गयी थी में ये कड़वा सच समझकर पी डाला था 
आँखें जब भी भर आती तो शो मस्ट गो ऑन वोह कह जाते थे 
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...