नन्ही शरारतो को हसकर जो सह जाते थे
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे..
माँ कहती है जब छोटी थी मै तब गोद मै लेने से भी डरते थे
बेटिया बोझ होती होंगी औरो के लिए पर वो तो मुझ पर नाज़ करते थे
मायूस होकर कभी रुकी जिंदगी तो बुलंद हौसला जो हर पल करवाते थे
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...
बड़ी हुए मै जैसे जैसे हर पल वो मेरे साथ थे..
समझाते थे गलती पर हर कभी न उठाते हाथ थे..
माँ ने जब जब डांटा फटकारा तो छुपा लिया कहकर मेरा बेटा सबसे प्यारा है..
दुनिया मै शायद ही कोई और रिश्ता इससे न्यारा है...
हर जंग को हंसकर लड़ना जो सिखलाते थे
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...
वक्त गुजरता चला जा रहा था उम्मीदों की ख्वाहिश में
जिंदगी बीत रही थी नए रिश्तो की आजमाइश में
तभी एक तूफ़ान आया और तिनका तिनका बिखर गया...
तपती जिंदगी में मानो कोयला हिरा बनकर निखर गया...
जिन्होंने ऊँगली थामी थी उनको मैंने हाथो में थमा था..
बड़ी हो गयी थी में ये कड़वा सच समझकर पी डाला था
आँखें जब भी भर आती तो शो मस्ट गो ऑन वोह कह जाते थे
कभी सताते कभी मनाते ऐसे मेरे पापा थे...
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