और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है...
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...???
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???
जिन्होंने देश की खातिर खून बहाया
ऐसे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को बिना वक्त बिताये तुमने सूली पर चढ़ाया...
क्यूँ आज उनके बलिदान का इस तरह हो रहा अपमान है...
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...???
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???
खून खौलने लगता जब याद वो लम्हा आता है...
लाशों के ढेर का वो नजारा आज भी भुलाया नहीं जाता है...
जाबांज लड़े थे डटकर.. इस बेगैरत हो पकड़ने में गवाई कईयों ने अपनी जान है....
कुछ तो लिहाज कर लो उनके जाने का...कभी तो सोचकर देखो क्यूँ जा रहा व्यर्थ उनका बलिदान है....????
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...???
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???
दूर बैठे है वोह जल्लाद रचा रहे वहां बैठे ये सारा खेल है...
मोहरे कुछ हमारे बीच में ही उनके बढ़ा रहे हमसे रोज मेल है...
इतने मासूम नहीं है हम के उनको न पहचान पाए...
ये देश हमारा अपना है ठान ले तो इसे मिलकर हम बचाए...
क्यों इस कदर खुदगर्जी है छाई हमपर...क्यूँ कर शख्स सब जानकार बन रहा अनजान है....
और गौरव कर लो इसका तुम अब तो आ गया हिंदुस्तान में ये बिन बुलाया मेहमान है....
कितनो को इसने मौत के घाट उतारा फिर भी न दिख रहा सत्ता धारियों को इसमें छुपा हैवान है...
कब तक इसको पोसोगे ...???
कब तक इस कदर शैतान को दावते खिलाओगे...???
चार बरस अब बीत गए कब तक इस शिद्दत से मेहमान नवाज़ी निभाओगे ...???
अतिथि देवो भवः सिर्फ अतुलनीय भारत का हिस्सा है...
उसे इस हैवान पर कब तर आझमाओगे ....???
आँखे तरस रही है देखने को के आखिर कब तुम कसाब को सूली चढाओगे....???
- दिव्या !!!